
मुहूर्तगणपति का अर्थ है वह गणपति जो किसी विशेष मुहूर्त में पूजे जाते हैं। इस मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है, विशेष रूप से जब वह विशेष कार्य या शुभ अवसर के लिए होता है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक विषय है और कई संस्कृत शास्त्रों में इसका उल्लेख मिलता है।
संस्कृत में मुहूर्तगणपति का मंत्र या श्लोक प्रायः इस प्रकार होता है:
संस्कृत में श्लोक:
"सर्वज्ञं सर्वशक्तिमं सर्वरोगनिवारिणं। गणेशं गुणमात्रं हि मुहूर्ते समुपास्महे॥"
हिंदी अनुवाद:
"सर्वज्ञ (जो सब कुछ जानने वाला है), सर्वशक्तिमान (जो सब कुछ करने में सक्षम है), सर्वरोगनिवारिण (जो सभी रोगों को दूर करने वाला है), गुणमात्र (जो गुणों से युक्त है) गणेशजी की हम पूजा करते हैं, इस विशेष मुहूर्त में।"
यह श्लोक भगवान गणेश की पूजा करने के लिए एक आदर्श मंत्र है, जो विशेष मुहूर्त में उनके आशीर्वाद की प्राप्ति हेतु प्रकट किया जाता है। जब भी कोई विशेष कार्य प्रारंभ करने के लिए मुहूर्त का चयन किया जाता है, तो गणेश की पूजा करने से उस कार्य में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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