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  • शनि शमन (सिद्धान्त तथा समाधान पक्ष) - Effect of Saturn in Our Life (Set of 2 Volumes)
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शनि शमन (सिद्धान्त तथा समाधान पक्ष) - Effect of Saturn in Our Life (Set of 2 Volumes)

Author(s): Mridula Trivedi and T. P. Trivedi
Publisher: Motilal Banarsidass
Language: Hindi
Total Pages: 1184
Available in: Paperback
Regular price Rs. 1,290.00
Unit price per

Description

शनि शमन: सिद्धान्त तथा समाधान पक्ष

शनि ग्रह को हिन्दू ज्योतिष में एक विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को न्यायधीश और कर्मफल दाता माना जाता है। शनि के प्रभाव से जीवन में कष्ट, विलम्ब, कठिनाइयाँ और बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन यह भी माना जाता है कि शनि का प्रभाव न्यायपूर्ण और कर्मों के आधार पर होता है। शनि शमन का अर्थ है शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय या समाधान।

शनि शमन का सिद्धान्त:

  1. कर्मों का प्रभाव: शनि का प्रभाव व्यक्ति के पिछले और वर्तमान कर्मों के आधार पर होता है। यदि किसी व्यक्ति ने अच्छे कर्म किए हैं, तो शनि का प्रभाव उसके लिए सकारात्मक हो सकता है, लेकिन बुरे कर्मों के परिणामस्वरूप शनि का प्रभाव कष्टकारी हो सकता है।

  2. शनि का दोष: शनि के कारण विभिन्न दोष उत्पन्न हो सकते हैं जैसे:

    • शनि की साढ़े साती: जब शनि जन्म कुंडली में बारहवें, पहले और दूसरे घर में स्थित होता है, तो इसे साढ़े साती कहा जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में कई कष्टों का कारण बन सकती है।

    • शनि की ढैया: शनि जब जन्मकुंडली में चौथे और आठवें घर में होता है, तो यह ढैया का कारण बनता है, जिससे जीवन में मानसिक तनाव, समस्याएँ और आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकते हैं।

  3. शनि के उपाय: शनि को शांत करने के लिए विभिन्न उपायों की अनुशंसा की जाती है। इन उपायों से शनि के दोष को कम किया जा सकता है और जीवन में शांति तथा समृद्धि लाई जा सकती है।

शनि शमन के समाधान पक्ष:

  1. शनि पूजा और व्रत:

    • शनि देव की पूजा: शनि के शमन के लिए विशेष रूप से शनि देव की पूजा करनी चाहिए। यह पूजा शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर की जाती है।

    • शनिवार व्रत: शनिवार को विशेष रूप से उपवासी रहकर और शनि के मंत्रों का जप करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

  2. शनि के मन्त्र:

    • "ॐ शं शनैश्चराय नमः": यह शनि के प्रमुख मंत्रों में से एक है, जिसे प्रतिदिन 108 बार जपने से शनि के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।

    • "ॐ नमो भगवते रूद्राय": यह मंत्र भगवान शिव के लिए है, जो शनि से संबंधित हैं और शनि के कष्टों को दूर करने में मदद करता है।

  3. दान और अर्चना:

    • काले तिल का दान: शनि के शमन के लिए काले तिल का दान बहुत ही लाभकारी माना जाता है। शनिवार को काले तिल, तेल, लोहा और काले वस्त्रों का दान करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।

    • पानी में काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ की पूजा करना: शनि के प्रभाव को कम करने के लिए पीपल के वृक्ष की पूजा करना भी एक प्राचीन उपाय है।

  4. नीलम रत्न का धारण: शनि के प्रभाव को संतुलित करने के लिए नीलम रत्न (सैफायर) को अंगूठी में पहनना एक सामान्य उपाय माना जाता है। यह रत्न विशेष रूप से शनि की स्थिति को मजबूत करता है और उसके प्रभाव को शांत करने में मदद करता है।

  5. सुर्य देव की पूजा: शनि सूर्य के पुत्र हैं, अतः सूर्य देव की पूजा भी शनि के दोष को कम कर सकती है। सूर्य देव को जल चढ़ाना और उनकी स्तुति करना शनि के कष्टों को दूर करने का एक अच्छा उपाय है।

  6. हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा भी शनि के प्रभाव को कम करने में सहायक मानी जाती है। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ शनि की पीड़ा को कम करने में मदद करता है।

  7. शनि से संबंधित शांति यंत्र: शनि के शमन के लिए शनि यंत्र का पूजन भी एक प्रभावी उपाय है। इस यंत्र का पूजन करके शनि के कष्टों से राहत प्राप्त की जा सकती है।