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Brahadavkahdachakram: Hindi Vyakhya

Brahadavkahdachakram: Hindi Vyakhya

Author(s): Kedardutt Joshi
Publisher: Motilal Banarsidass
Language: Hindi
Total Pages: 59
Available in: Paperback
Regular price Rs. 100.00
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Description

Brahadavkahdachakram" एक संस्कृत शब्द है, जो दो मुख्य भागों से मिलकर बना है:

  1. Brahad (ब्रहद्) – इसका अर्थ है "बड़ा" या "विशाल"।
  2. Akhdachakram (अखडचक्रं) – इसे दो भागों में बाँटा जा सकता है:
    • Akhd (अखड) – यह शब्द 'अखंड' या 'पूर्ण' के अर्थ में आता है।
    • Chakram (चक्रं) – इसका अर्थ है "चक्र", जो एक गोल या वृत्त के रूप में होता है, और यह अक्सर समय, सत्ता या कार्यों के चक्रीय रूप को संदर्भित करता है।

इस प्रकार, "Brahadavkahdachakram" का संक्षेप में अर्थ हो सकता है "विशाल अखंड चक्र"। यह कोई विशिष्ट सांस्कृतिक या धार्मिक प्रतीक हो सकता है, जो ब्रह्मांडीय चक्र के पूर्ण और निरंतर चलने का संकेत देता है।

इस शब्द का संदर्भ मुख्य रूप से तंत्र-मंत्र या धार्मिक ग्रंथों में मिल सकता है, जहाँ यह ब्रह्मा के चक्र, जीवन के चक्रीय सिद्धांत, या ब्रह्मांड के निरंतर घटित होने वाले घटनाक्रम को दर्शाने के लिए उपयोग हो सकता है।

हिंदी में व्याख्या:

"ब्रहदावकहदचक्रं" एक प्रतीकात्मक रूप से अखंड, विशाल, और चक्रीय सिद्धांत को दर्शाने वाला शब्द हो सकता है, जो धर्म, ब्रह्मांड या जीवन के गतिशील और निरंतर चलने वाले चक्र को प्रकट करता है। इस शब्द में सार्वभौमिकता, अनन्तता और निरंतरता की भावना निहित हो सकती है, जैसे ब्रह्मा के सृजनात्मक चक्र, जो कभी समाप्त नहीं होता।