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भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म की देन
बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसके प्रभाव से भारतीय समाज और जीवनशैली में कई सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। बौद्ध धर्म की देन भारतीय संस्कृति में निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में देखी जा सकती है:
अहिंसा का प्रचार: बौद्ध धर्म ने अहिंसा (non-violence) का सिद्धांत प्रस्तुत किया और इसे जीवन के हर क्षेत्र में अपनाने का आह्वान किया। भगवान बुद्ध ने हिंसा के स्थान पर करुणा और दया की भावना को बढ़ावा दिया, जिससे भारतीय समाज में अहिंसा के महत्व को और प्रगति मिली। यह सिद्धांत न केवल बौद्ध धर्म में, बल्कि जैन धर्म और हिंदू धर्म में भी महत्वपूर्ण स्थान पर रहा।
ध्यान और साधना: बौद्ध धर्म ने ध्यान (meditation) और साधना की महत्वता को बढ़ाया। "ध्यान" या "विपश्यना" की प्रथा ने भारतीय समाज को मानसिक शांति और आत्मज्ञान प्राप्त करने के मार्ग को समझाया। यह ध्यान और साधना की विधि भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में आई।
समाज में समानता: बौद्ध धर्म ने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। भगवान बुद्ध ने सभी प्राणियों को समान माना और यह विचार समाज में समानता और भ्रातृत्व की भावना को प्रोत्साहित करने में सहायक हुआ। उन्होंने शूद्रों और महिलाओं को भी समान अधिकार देने की बात की, जो उस समय के समाज में एक क्रांतिकारी विचार था।
नैतिक शिक्षा: बौद्ध धर्म ने "चार आर्य सत्य" (Four Noble Truths) और "आठfold मार्ग" (Eightfold Path) के माध्यम से जीवन के सत्य और सही आचार-व्यवहार को समझाया। इन शिक्षाओं ने भारतीय समाज में नैतिकता, ईमानदारी, और आत्मसंयम को बढ़ावा दिया।
संस्कृत साहित्य और कला पर प्रभाव: बौद्ध धर्म ने भारतीय साहित्य, कला और वास्तुकला पर भी गहरा प्रभाव डाला। बौद्ध विहार, स्तूप और अन्य धार्मिक संरचनाएँ भारतीय कला का अभिन्न हिस्सा बन गईं। बौद्ध कथाएँ और जर्मन परंपराएँ भी भारतीय साहित्य में सम्मिलित हुईं।
विश्वबंधुत्व का संदेश: बौद्ध धर्म ने 'सम्पूर्णता' और 'विश्वबंधुत्व' (global brotherhood) का संदेश दिया, जो भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण विशेषता बन गई। बौद्ध धर्म के प्रचार ने भारतीय समाज को आत्मा की शुद्धता और पारस्परिक समझ को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।
धार्मिक सहिष्णुता: बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति में धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रबल किया। भगवान बुद्ध ने किसी एक धर्म को सर्वोत्तम नहीं माना, बल्कि सभी धर्मों के प्रति सम्मान की बात की। इसने भारतीय समाज में अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णुता और आदर की भावना को बढ़ावा दिया।
निष्कर्ष:
बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति को व्यापक दृष्टिकोण और नैतिकता की दिशा दी, और यह भारत की सांस्कृतिक धारा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके सिद्धांतों और शिक्षाओं ने भारतीय समाज के सामाजिक और धार्मिक ढांचे को नया दिशा दी और भारतीय संस्कृति को समृद्ध और विविध रूप में परिवर्तित किया।
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