विश्व के महान बौद्ध दार्शनिकों में कई प्रमुख विचारक और शिक्षक शामिल हैं जिन्होंने बौद्ध धर्म और दर्शन को महत्वपूर्ण दिशा दी। कुछ प्रमुख बौद्ध दार्शनिक निम्नलिखित हैं:
1. गौतम बुद्ध (Sakyamuni)
- गौतम बुद्ध, जिन्हें "बुद्ध" के नाम से भी जाना जाता है, बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जीवन और शिक्षाएँ बौद्ध दर्शन के मूल आधार हैं। उन्होंने दुःख और उससे मुक्ति के मार्ग को स्पष्ट किया, जिसे "चार आर्य सत्य" और "आठfold मार्ग" के रूप में जाना जाता है।
2. नागार्जुन (Nāgārjuna)
- नागार्जुन एक प्रमुख बौद्ध दार्शनिक थे, जिन्होंने "माध्यमिका" स्कूल की स्थापना की। उन्होंने शून्यवाद (śūnyatā) का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें यह बताया गया कि सभी चीज़ें अपनी स्वभाविकता से रहित होती हैं और उनके अस्तित्व का कोई स्थिर आधार नहीं होता।
3. आश्वघोष (Aśvaghoṣa)
- आश्वघोष एक महान बौद्ध दार्शनिक और कवि थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म के प्रमुख ग्रंथ "बुद्धचरित" की रचना की। उनके कार्य ने भारतीय बौद्ध धर्म के विचारों को विस्तार से प्रस्तुत किया।
4. धर्मकीर्ति (Dharmakīrti)
- धर्मकीर्ति एक प्रमुख बौद्ध तर्कज्ञ और दार्शनिक थे जिन्होंने बौद्ध तर्कशास्त्र (Pramāṇa) के सिद्धांतों पर गहरी चर्चा की। उनका योगदान बौद्ध तर्कशास्त्र और ज्ञानमीमांसा (Epistemology) में महत्वपूर्ण था।
5. वसुबंधु (Vasubandhu)
- वसुबंधु एक महान बौद्ध तर्कज्ञ और तात्त्विक विचारक थे, जिन्होंने "विज्ञानवाद" (Yogācāra) स्कूल को विस्तार से प्रस्तुत किया। उनके कार्यों ने बौद्ध धर्म के मनोवैज्ञानिक और अनुभवजन्य पहलुओं को समझने में मदद की।
6. तिर्यग्यन (Tathāgatagarbha)
- तिर्यग्यन का दर्शन "तथागत गर्भ" से जुड़ा है, जो यह मानता है कि सभी प्राणियों में बोधिसत्व की क्षमता होती है, और वे अपने भीतर बुद्धत्व को प्राप्त करने के योग्य होते हैं।
7. शांतिदेव (Śāntideva)
- शांतिदेव एक प्रमुख बौद्ध दार्शनिक और कवि थे जिन्होंने "बोधिसत्वचर्यावतार" की रचना की। उनके सिद्धांतों का उद्देश्य आत्मा की परिष्कृत स्थिति की प्राप्ति था, जिसमें अन्य प्राणियों की भलाई के लिए कार्य किया जाता है।
8. तंगठे (Tson-kha-pa)
- तंगठे एक प्रमुख तिब्बती बौद्ध दार्शनिक और सुधारक थे जिन्होंने ग्यू-लुक स्कूल की स्थापना की। वे बौद्ध तर्कशास्त्र और दर्शन में सुधार लाने के लिए प्रसिद्ध हैं।