मज्झिम-निकाय (Majjhima Nikaya) थेरवादी बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो बौद्ध धर्म के पालि कानन का हिस्सा है। यह निकाय सुत्त पिटक के अंतर्गत आता है और इसमें भगवान बुद्ध के द्वारा कहे गए मध्यम दर्जे के 1520 सुत्तों (उपदेशों) का संग्रह किया गया है। "मज्झिम" का अर्थ होता है "मध्यम" या "मध्य", और इस ग्रंथ में ऐसे उपदेश शामिल हैं जो न तो अत्यधिक जटिल हैं और न ही बहुत सरल। ये उपदेश आमतौर पर उन लोगों के लिए होते हैं जो साधारण और प्रभावी तरीके से आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होना चाहते हैं।
मज्झिम-निकाय में विभिन्न जीवन स्थितियों से जुड़े सुत्त होते हैं, जैसे कि ध्यान, आत्मज्ञान, नैतिकता, बुद्ध के जीवन के दृष्टिकोण, और दुःख से मुक्ति पाने के उपाय। इसके सुत्तों में बुद्ध के द्वारा दी गई शिक्षाएँ किसी विशेष व्यक्ति या समुदाय के संदर्भ में होती हैं, और इनका उद्देश्य श्रोता को साधना और सही जीवन जीने के रास्ते पर मार्गदर्शन देना होता है।
इसका महत्व यह है कि यह बौद्ध धर्म के अभ्यास को समझने और उसे जीवन में उतारने का एक उत्कृष्ट साधन है।
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