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  • Bauddh Aayurvidhya Bauddh Chikitsa Padhhti
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Bauddh Aayurvidhya Bauddh Chikitsa Padhhti

Author(s): Dr. Rajendra Prasad Shaky
Publisher: Gautam Book Centre
Language: Hindi
Total Pages: 82
Available in: Paperback
Regular price Rs. 55.00
Unit price per

Description

बौद्ध आयुर्वेद और बौद्ध चिकित्सा पद्धति (Bauddh Aayurvidhya aur Bauddh Chikitsa Paddhati) में आयुर्वेद और चिकित्सा के सिद्धांतों का विशेष रूप से बौद्ध धर्म के दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाता है। बौद्ध धर्म में स्वास्थ्य और उपचार को समग्र दृष्टिकोण से देखा जाता है, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं का संतुलन स्थापित करता है। इस पद्धति में कुछ विशेषताएँ हैं, जिन्हें नीचे विस्तार से बताया गया है:

1. शरीर और मस्तिष्क का संतुलन:

बौद्ध चिकित्सा पद्धति में शरीर और मस्तिष्क के बीच संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया जाता है। यह पद्धति मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को समान महत्व देती है। मानसिक स्थिति को शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख तत्व के रूप में देखा जाता है।

2. चिकित्सा का समग्र दृष्टिकोण (Holistic Approach):

बौद्ध चिकित्सा पद्धति में समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाता है, जिसमें केवल शारीरिक बीमारी का इलाज नहीं किया जाता, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाता है। बौद्ध चिकित्सक व्यक्ति के जीवन शैली, आहार, मानसिक स्थिति, और आध्यात्मिक विकास को ध्यान में रखते हुए उपचार करते हैं।

3. आयुर्वेद के तत्वों का उपयोग:

बौद्ध चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद के सिद्धांतों का भी पालन किया जाता है, जैसे पंचतत्त्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) और त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) का संतुलन। इन तत्वों के आधार पर शरीर की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है और उपचार की दिशा तय की जाती है।

4. ध्यान और प्राणायाम (Meditation and Pranayama):

बौद्ध चिकित्सा में ध्यान (Meditation) और प्राणायाम (Breathing exercises) का महत्वपूर्ण स्थान है। इन तकनीकों के माध्यम से मानसिक शांति और संतुलन स्थापित किया जाता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। मानसिक तनाव और अन्य मानसिक रोगों को कम करने के लिए ध्यान की प्रक्रिया का नियमित अभ्यास किया जाता है।

5. औषधियाँ और हर्बल उपचार:

बौद्ध चिकित्सा में हर्बल उपचार का महत्वपूर्ण स्थान है। आयुर्वेद की तरह, बौद्ध चिकित्सा में भी औषधियों का उपयोग किया जाता है, जो पौधों, जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तत्वों से प्राप्त होती हैं। इनका उपयोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

6. आध्यात्मिक चिकित्सा:

बौद्ध चिकित्सा में आध्यात्मिक उपचार भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह ध्यान, प्रायश्चित, मौन और अन्य आध्यात्मिक अभ्यासों के माध्यम से किया जाता है, जो मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन के लिए लाभकारी होते हैं।

7. प्राकृतिक चिकित्सा:

बौद्ध चिकित्सा में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का भी महत्व है, जैसे जल चिकित्सा, अरोमाथेरेपी, और ताजे वायु में समय बिताना। यह पद्धतियाँ शरीर और मस्तिष्क को शुद्ध करने के लिए उपयोगी मानी जाती हैं।

निष्कर्ष:

बौद्ध आयुर्वेद और चिकित्सा पद्धति एक समग्र और संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ती है। इसमें न केवल शारीरिक इलाज, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति की ओर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है।