बृहद्धर्मपुराणम् (Brihad Dharma Purana) हिंदू धर्म के पुराणों में से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो मुख्य रूप से धार्मिक नियमों, सिद्धांतों और आचारों के बारे में है। यह पुराण विशेष रूप से धर्म, पवित्रता और जीवन के उद्देश्य को समझाने के लिए माना जाता है।
बृहद्धर्मपुराण का वर्णन भारतीय धर्म, समाज और संस्कृतियों के संदर्भ में किया गया है। इसमें धर्म के सिद्धांतों के अलावा, देवताओं, संतों, और धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई है। यह पुराण हमें जीवन में धार्मिकता के मार्ग को अपनाने की प्रेरणा देता है और पापों से बचने के उपाय बताता है।
यह ग्रंथ मुख्य रूप से धार्मिक आचार, कर्मों, पूजा विधियों, और तपस्या के विषय में विस्तार से बताता है। साथ ही इसमें पवित्र नदी, तीर्थ स्थल, और उन स्थानों के महत्व को भी बताया गया है, जहाँ मनुष्य को पुण्य प्राप्त होता है।
धर्म का महत्व: बृहद्धर्मपुराण में यह बताया गया है कि धर्म ही व्यक्ति के जीवन का सर्वोत्तम मार्ग है, और इसे अनुसरण करना चाहिए।
धार्मिक आचार: यह पुराण विभिन्न धार्मिक कार्यों, जैसे यज्ञ, तपस्या, और पूजा के महत्व को बताता है।
तीर्थयात्रा का महत्व: इसमें तीर्थों और पवित्र स्थानों की यात्रा के लाभों के बारे में बताया गया है, जो पुण्य कमाने का एक तरीका माना जाता है।
धार्मिक कथाएँ: बृहद्धर्मपुराण में कुछ प्रसिद्ध धार्मिक कथाएँ और उपदेश भी शामिल हैं, जो जीवन में नैतिकता और आदर्शों को बढ़ावा देती हैं।
यह पुराण भारतीय धार्मिक साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे पढ़ने और समझने से एक व्यक्ति अपने जीवन में सच्चे धर्म और सद्गुणों का पालन कर सकता है।
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