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  • Dashavatar Charita - दशावतार चरिता - Motilal Banarsidass #author
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Dashavatar Charita- दशावतार चरिता

Author(s): Swami Videhatmananda
Publisher: Advaita Ashrama
Language: English
Total Pages: 112
Available in: Paperback
Regular price Rs. 50.00
Unit price per

Description

दशावतार चरिता हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दस प्रमुख अवतारों का वर्णन है, जिन्हें "दशावतार" कहा जाता है। ये दस अवतार विष्णु के पृथ्वी पर विभिन्न समयों में प्रकट होने के रूप में माने जाते हैं, जब पृथ्वी पर अधर्म और अत्याचार बढ़ जाते थे। इन अवतारों का उद्देश्य समाज में धर्म की स्थापना करना और असुरों या पापियों का नाश करना था। दशावतार की सूची निम्नलिखित है:

1. मATSYA (मछली)

  • इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली का रूप धारण किया। उन्होंने ऋषि मन्नू की नाव को बचाया, जिसमें वे सभी धर्मग्रंथों और जीवों को ले जा रहे थे, और जलप्रलय से बचाया।

2. कूर्म (कछुआ)

  • भगवान विष्णु ने कछुए का रूप लिया और समुद्र मंथन के दौरान माउंट मंदराचल को अपनी पीठ पर रखा, ताकि देवताओं और असुरों को अमृत प्राप्त करने में मदद मिल सके।

3. वराह (सूअर)

  • इस अवतार में विष्णु ने सूअर का रूप लिया। उन्होंने पृथ्वी को राक्षस हिरण्याक्ष से बचाया, जिसने पृथ्वी को सागर में डुबो दिया था।

4. नृसिंह (मानव-शेर)

  • भगवान विष्णु ने मानव और शेर के संयोजन का रूप लिया। उन्होंने हिरण्यकशिपु नामक राक्षस का वध किया, जो अपने भक्त प्रह्लाद को प्रताड़ित कर रहा था और भगवान विष्णु के अस्तित्व को नकार रहा था।

5. वामन (बौना ब्राह्मण)

  • इस अवतार में भगवान विष्णु ने बौने ब्राह्मण का रूप धारण किया। उन्होंने राक्षस राजा बलि से तीन पग भूमि में पूरी पृथ्वी को मांग लिया और उसका वध किया।

6. परशुराम (परशु धारी ब्राह्मण)

  • भगवान विष्णु ने परशु (कुल्हाड़ी) के साथ ब्राह्मण के रूप में अवतार लिया। उन्होंने अत्याचारियों का वध किया, खासकर क्षत्रिय कुलों के अत्याचारी राजाओं को, जिन्होंने धर्म को नष्ट किया था।

7. राम (रामचंद्र)

  • राम भगवान विष्णु का सातवां अवतार हैं। उनका उद्देश्य रावण का वध करना और सीता माता को राक्षसों से मुक्त कराना था। उनकी जीवनगाथा "रामायण" में विस्तार से वर्णित है।

8. कृष्ण (श्री कृष्ण)

  • भगवान विष्णु का आठवां अवतार कृष्ण हैं। कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया और पांडवों की सहायता की। उनका जीवन प्रेम, भक्ति, और धर्म का प्रतीक है।

9. बुद्ध (गौतम बुद्ध)

  • इस अवतार में भगवान विष्णु ने सिद्धार्थ के रूप में जन्म लिया, जिन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त किया और संसार को दुःख से मुक्ति पाने का मार्ग दिखाया। वे बौद्ध धर्म के संस्थापक माने जाते हैं।

10. कल्कि (भविष्य के अवतार)

  • यह अवतार भविष्य में होगा, जब दुनिया में अत्याचार और अधर्म का बोलबाला होगा। भगवान विष्णु कल्कि के रूप में प्रकट होंगे और दुनिया में धर्म की पुनः स्थापना करेंगे।