â–¡

  • Krantiveer Kabir
  • Krantiveer Kabir
  • Krantiveer Kabir

Krantiveer Kabir

Author(s): Shivnath Chaudhary Alam
Publisher: SIDDHARTH BOOKS
Language: Hindi
Total Pages: 39
Available in: Paperback
Regular price Rs. 60.00
Unit price per

Description

कांतिवीर कबीर (Krantiveer Kabir) एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं, जो समाज सुधारक और कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। कबीर का जन्म 1398 ई. के आस-पास हुआ था, और वे एक महान संत, गुरु, और समाज सुधारक थे। कबीर के विचार और शिक्षाएँ आज भी समाज में प्रासंगिक हैं। उन्होंने भक्ति और समाज सुधार के लिए कार्य किया और जीवनभर अपने काव्य के माध्यम से समाज में व्याप्त अंधविश्वास, भेदभाव, और जड़ता के खिलाफ आवाज़ उठाई।

कबीर की शिक्षाएँ सरल और प्रभावशाली थीं, जो उन समय के सामाजिक और धार्मिक ढाँचों को चुनौती देती थीं। वे हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों के पारंपरिक रीति-रिवाजों को नकारते थे और एकता और मानवता की बात करते थे। उनकी कविताएँ और दोहे आज भी लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं।

कबीर के कुछ प्रमुख विचार और शिक्षाएँ:

  1. ईश्वर के प्रति विश्वास: कबीर ने अपनी कविताओं में ईश्वर के एकत्व की बात की और यह सिखाया कि ईश्वर कहीं बाहर नहीं है, बल्कि हमारे भीतर है।

  2. धर्म और जातिवाद का विरोध: उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम धर्मों के बीच भेदभाव और जटिलताओं को नकारते हुए धर्म को केवल एक साधन के रूप में देखा था, न कि सामाजिक बंटवारे का कारण।

  3. साधना और सरलता: कबीर ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के लिए किसी खास धार्मिक अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है, बल्कि साधना और सत्य का पालन करना जरूरी है।

  4. मानवता का संदेश: कबीर ने हमेशा मानवता, प्रेम, और दया की बात की और यह बताया कि हर व्यक्ति को समान अधिकार प्राप्त है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से हो।

कबीर के प्रसिद्ध दोहे:

  • "बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
    जो मन से देख्या तो, मुझसा बुरा न कोय।।"
    (यह दोहा हमें यह सिखाता है कि यदि हम दूसरों में बुराई देखते हैं, तो हमें अपनी आत्मा में झांकना चाहिए, क्योंकि दूसरों में जो बुराई हमें नजर आती है, वह हमारे अपने अंदर की होती है।)

  • "साधु ऐसी जीवन की, जैसे गंगा का जल।
    निकल के बहै दूरिया, फिर वहीं गंगा मिल।।"
    (यह दोहा बताता है कि साधु का जीवन एकदम पवित्र और शुद्ध होना चाहिए, जैसे गंगा का पानी। वह जहां भी जाता है, वहाँ शांति और प्रेम फैलाता है।)

कबीर का जीवन हमें यह सिखाता है कि धर्म और समाज में एकता, सत्य, और प्रेम को स्थापित करना चाहिए, और हमें अपनी गलतियों से सीखते हुए समाज को एक बेहतर जगह बनाना चाहिए।