कालिदास भारतीय साहित्य के एक प्रमुख और विश्वविख्यात कवि और नाटककार थे। उन्हें संस्कृत साहित्य का महान कवि माना जाता है। उनका काल 5वीं से 6वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास माना जाता है, हालांकि उनके जीवन के बारे में बहुत कुछ निश्चित नहीं है।
कालिदास की काव्य-रचनाएँ उनकी गहन कल्पना, उत्कृष्ट भाषा, और प्रकृति के प्रति गहरी संवेदनशीलता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं:
1. "अभिज्ञानशाकुन्तलम्" - यह नाटक कालिदास का सबसे प्रसिद्ध काम है, जिसमें शाकुन्तला और दुष्यंत की प्रेम कहानी को अत्यंत सुंदरता और भावनात्मक गहराई से प्रस्तुत किया गया है।
2. "कुमारसंभवम्" - इस महाकाव्य में भगवान शिव और पार्वती की कहानी को वर्णित किया गया है, और इसमें शैव धर्म की गहराई को भी छेड़ा गया है।
3. "रघुवंशम्" - इस महाकाव्य में रघु वंश की कथा को वर्णित किया गया है, जिसमें रघुकुल की भव्यता और उनके पूर्वजों की वीरता की कहानियाँ हैं।
4. "मेघदूतम्" - यह एक प्रसिद्ध काव्य है जिसमें एक प्रेमी यक्ष की अपनी प्रेमिका को एक मेघ (बादल) के माध्यम से संदेश भेजने की कहानी है।
कालिदास की रचनाएँ भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं और उनकी काव्य-शैली और विषयवस्तु आज भी साहित्य प्रेमियों के बीच अत्यंत सम्मानित हैं।
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