• वेद ज्ञान ही सत्य ज्ञान है Ved Gyaan Hee Saty Gyaan Hai by Swami Ramswaroop Yogacharya
  • वेद ज्ञान ही सत्य ज्ञान है  Ved Gyaan Hee Saty Gyaan Hai

वेद ज्ञान ही सत्य ज्ञान है Ved Gyaan Hee Saty Gyaan Hai

Author(s): Swami Ramswaroop Yogacharya
Publisher: Ved Mandir Prakashan
Language: Hindi
Total Pages: 294
Available in: Hardbound
Regular price Rs. 495.00
Unit price per

Description

वेद” परमेश्वर सब लोक-लोकांतरों को, जीवों को जानता है और “सः विधाता” विशेष रूप से हमें धारण करने वाला है और विश्व के सब पदार्थों को धारण करने वाला और कर्म फलों को देने वाला है अतः परमेश्वर की परमेश्वर ही जाने। फिर भी यह विचार उपजता है कि संभवतः किसी कारण (अर्थात् कोई भी जीव तनिक सा भी कष्ट नहीं चाहता) ईश्वर ने सब नर-नारियों के लिए ऋग्वेद मंत्र 1/22/15 में आश्वासन दिया है कि ईश्वर ने यह धरती सब जीवों को सुख ही सुख देने के लिए बनाई है और पुनः मंत्र में कहा इसमें प्रवेश करके जीव को काँटा तक लगने का भी दुःख प्राप्त न हो। विचार करें कि सत्य ईश्वर द्वारा ऐसे सुखदायी सत्य उपदेश सत्य वेदों में विद्यमान रहते हुए भी वर्तमान काल में प्रायः जीव अविद्या ग्रस्त होकर रज, तम, सत्त्व रूप प्रकृति एवं उससे बने पदार्थों की ओर आकर्षित होता जा रहा है और सत्य ईश्वर एवं ईश्वर से उत्पन्न सत्य वेद वाणी का प्रायः त्याग करता जा रहा है। ईश्वर ने वेदों में यह भी उपदेश दिया है कि आचार्य से विद्या प्राप्त किए बिना और वेदों में दिए उपदेशों को आचरण में लाए बिना कोई भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता । परमेश्वर ने ऋग्वेद मंत्र 3/56/1 में यह भी स्पष्ट किया है कि ईश्वर के बनाए हुए और वेदों में बताए हुए जो सृष्टि के नियम हैं वे कभी भी बदल नहीं सकते । तब आदिकाल में रची पृथ्वी पर प्रवेश करते हुए मनुष्य को सुख होना चाहिए था । परंतु एक नियम ऋग्वेद मंत्र 10/135/1,2 में यह भी है कि मनुष्य अपने पिछले पाप-पुण्य रूप कर्मों को भोगने आया है और दूसरा नियम यह है कि ईश्वर से उत्पन्न सत्य वेद ज्ञान प्राप्त किए बिना भी जीव को सुख प्राप्त नहीं हो सकता ।