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Anand ki Khoj - Motilal Banarsidass #author

Anand ki Khoj

Author(s): Swami Brahmeshananda
Publisher: Advaita Ashrama
Language: Hindi
Total Pages: 208
Available in: Paperback
Regular price Rs. 120.00
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Description

आनंद की खोज" (The Search for Happiness) एक ऐसा विषय है जो हर इंसान की जीवन यात्रा का हिस्सा है। हर व्यक्ति जीवन में सुख, शांति और संतोष की खोज करता है। यह खोज बाहरी दुनियां में नहीं बल्कि अंदर की दुनिया में है। आनंद का मतलब केवल बाहरी खुशियों से नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शांति, संतोष और मानसिक सुकून से जुड़ा हुआ है।

आनंद की खोज के प्रमुख पहलू:

  1. आत्मिक शांति: आनंद की सबसे बड़ी कुंजी आत्मिक शांति है। जब मन शांत होता है, तब हमें भीतर से खुशी मिलती है। ध्यान, योग, और आत्म-विश्लेषण से हम इस शांति को पा सकते हैं।

  2. स्वीकार्यता (Acceptance): जो हमारे पास है, उसे स्वीकारना भी आनंद का हिस्सा है। जब हम अपने जीवन की परिस्थितियों को बिना किसी शिकायत के स्वीकार करते हैं, तो भीतर की खुशी महसूस होती है।

  3. संबंध (Relationships): सच्चे और गहरे संबंध भी आनंद का एक स्रोत होते हैं। परिवार, मित्र, और समाज से जुड़ाव हमें मानसिक शांति और खुशी प्रदान करते हैं।

  4. संतोष (Contentment): संतोष एक ऐसी अवस्था है जब हम जो कुछ भी हैं और जो कुछ भी हमारे पास है, उससे खुश होते हैं। यह सुख की सच्ची कुंजी है।

  5. सेवा (Service): दूसरों की मदद करने और समाज के लिए कुछ अच्छा करने से भी आनंद मिलता है। जब हम अपने आत्म-स्वार्थ से बाहर निकलकर दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं, तो भीतर एक गहरी संतुष्टि और खुशी का अनुभव होता है।