• Indica: India Description of Megasthenes- मेगास्थिनीज का भारत वर्णन
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Indica: India Description of Megasthenes- मेगास्थिनीज का भारत वर्णन

Author(s): Megasthenes
Publisher: Siddharth Books
Language: Hindi
Total Pages: 158
Available in: Paperback
Regular price Rs. 250.00
Unit price per

Description

इण्डिका- मेगास्थिनीज का भारत वर्णन

मेगास्थिनीज (Megasthenes) एक ग्रीक राजदूत था जो लगभग 300 ई. पू. में मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में नियुक्त था। वह अपने राजा, सिकंदर के साम्राज्य का प्रतिनिधि होकर भारत आया था और अपनी यात्रा के दौरान उसने भारतीय समाज, संस्कृति, प्रशासन और भौगोलिक विशेषताओं का विस्तृत वर्णन किया। मेगास्थिनीज द्वारा लिखी गई कृति "इण्डिका" में भारत का जो वर्णन मिलता है, वह उस समय के भारतीय समाज की जानकारी देने वाला महत्वपूर्ण स्रोत है।

इण्डिका का उद्देश्य और महत्व

मेगास्थिनीज ने इण्डिका में भारतीय जीवनशैली, भूगोल, समाज, धर्म, राजनीति और आर्थिक संरचना के बारे में जानकारी दी। यह कृति भारतीय सभ्यता के बारे में एक विदेशी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। हालांकि यह कृति समय के साथ लुप्त हो गई, लेकिन इसके कुछ अंश विभिन्न प्राचीन लेखकों द्वारा उद्धृत किए गए हैं, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गए हैं।

इण्डिका में मेगास्थिनीज का भारत वर्णन

  1. भूगोल और जलवायु: मेगास्थिनीज ने भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल और जलवायु का वर्णन किया। उसने भारत को एक विशाल और समृद्ध देश के रूप में चित्रित किया, जहाँ विविध जलवायु क्षेत्र और विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक विशेषताएँ पाई जाती थीं। उसे भारतीय उपमहाद्वीप की विविधता और विशालता बहुत आकर्षक लगी।

  2. समाज और लोग: मेगास्थिनीज ने भारतीय समाज के विभाजन का उल्लेख किया। उसने भारत में जाति व्यवस्था का वर्णन किया और बताया कि लोग अपनी जाति और पेशे के अनुसार अलग-अलग जीवन जीते थे। इसके अलावा, उसने भारतीयों की भव्यता और शालीनता की भी सराहना की। भारतीय लोग बहुत ही सभ्य और सौम्य थे, ऐसा उसने उल्लेख किया।

  3. धर्म और रीति-रिवाज: मेगास्थिनीज ने भारतीय धार्मिक जीवन के बारे में भी लिखा। वह भारत में हिंदू धर्म, वेद, पूजा पद्धतियों और तपस्वियों के जीवन के बारे में जानकार था। उसने बताया कि भारत में बहुत से धर्म और संप्रदाय हैं, जिनमें से प्रमुख वेदों पर आधारित धार्मिक व्यवस्थाएँ हैं।

  4. राजनीति और प्रशासन: मेगास्थिनीज ने मौर्य साम्राज्य के प्रशासन का भी विस्तृत वर्णन किया। उसने चंद्रगुप्त मौर्य के शासन को एक मजबूत और सुसंगठित प्रशासन बताया। उसने सम्राट चंद्रगुप्त के न्याय व्यवस्था, सेना, कर प्रणाली और शासन के अन्य पहलुओं का विवरण दिया। मेगास्थिनीज ने यह भी उल्लेख किया कि सम्राट ने अपने राज्य में सबकी भलाई के लिए कठोर लेकिन न्यायपूर्ण नियम बनाए थे।

  5. अर्थव्यवस्था और व्यापार: मेगास्थिनीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था का भी विवरण दिया, जिसमें कृषि, व्यापार और उद्योगों का विशेष उल्लेख था। उसने बताया कि भारत में वस्त्र, आभूषण, मसाले और अन्य व्यापारिक वस्तुओं का उत्पादन बहुत अधिक था और भारत में विभिन्न प्रकार के व्यापार होते थे।

  6. प्राकृतिक संसाधन और संपत्ति: उसने भारत के प्राकृतिक संसाधनों और संपत्तियों का भी उल्लेख किया। मेगास्थिनीज ने भारत को एक समृद्ध राष्ट्र माना, जिसमें सोने, चांदी, रत्नों और अन्य बहुमूल्य पदार्थों की कोई कमी नहीं थी।

  7. संस्कृति और कला: भारतीय संस्कृति और कला के प्रति मेगास्थिनीज की जिज्ञासा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उसने भारतीय साहित्य, कला, संगीत और नृत्य के प्रति अपनी रुचि को दर्शाया। भारत के कला रूपों और उनकी विविधता को देखकर वह अत्यधिक प्रभावित हुआ था।

निष्कर्ष:

मेगास्थिनीज का "इण्डिका" भारत के प्राचीन समाज और संस्कृति का एक बहुमूल्य दस्तावेज है, जिसमें वह भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को गहरे से समझता हुआ नजर आता है। उसकी रिपोर्ट में कुछ भ्रांतियाँ भी हो सकती हैं, क्योंकि उसे भारत का सटीक ज्ञान नहीं था और वह विदेशी था, लेकिन फिर भी उसका वर्णन भारतीय सभ्यता की एक महत्वपूर्ण झलक प्रदान करता है।

इस कृति के माध्यम से हमें उस समय के भारत की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।