Kashyap Samaj: Itihas aur Nishad Sanskriti- कश्यप समाज: इतिहास और निषाद संस्कृति

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  • Book Name Kashyap Samaj: Itihas aur Nishad Sanskriti- कश्यप समाज: इतिहास और निषाद संस्कृति
  • Author Sangita Singh Kashyap
  • Language, Pages Hindi 160 Pgs. (PB)
  • Last Updated 2024 / 12 / 03
  • ISBN 9789381530795
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Kashyap Samaj: Itihas aur Nishad Sanskriti- कश्यप समाज: इतिहास और निषाद संस्कृति
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कश्यप समाज: इतिहास और निषाद संस्कृति

कश्यप समाज भारतीय समाज की एक प्रमुख जाति और समुदाय है, जिसका इतिहास और संस्कृति बहुत ही रोचक और विविध है। इस समाज का नाम 'कश्यप' प्राचीन भारतीय ऋषि कश्यप से जुड़ा हुआ है, जो हिन्दू धर्म के एक महान ऋषि और विचारक थे। कश्यप समाज को भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इसकी सांस्कृतिक धारा भी बहुत प्राचीन है।

कश्यप समाज का इतिहास

कश्यप समाज की उत्पत्ति के बारे में कई पुरानी मान्यताएँ और किंवदंतियाँ हैं। कहा जाता है कि कश्यप ऋषि ने अपने ज्ञान और तपस्या से भारतीय समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कश्यप ऋषि का नाम वेदों और पुराणों में अत्यधिक सम्मानित है। उनकी पत्नी अदिति के गर्भ से सूर्य देवता, वायु देवता, इंद्र और अन्य देवताओं का जन्म हुआ था। यह कथा कश्यप के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है।

कश्यप समाज की जातीय संरचना और उसकी सांस्कृतिक पहचान भारतीय समाज की विविधता में गहरे रूप से समाहित है। यह समाज विशेष रूप से उत्तर भारत, खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और उड़ीसा में पाया जाता है। इसके अलावा, कश्यप समाज का एक बड़ा समूह भारत के अन्य हिस्सों में भी बसा हुआ है।

निषाद संस्कृति

कश्यप समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा निषाद संस्कृति से जुड़ा हुआ है। निषाद शब्द का अर्थ 'नाविक' या 'मछुआरा' से लिया गया है, और यह समाज समुद्र, नदियों और जलमार्गों से जुड़ा हुआ है। निषाद समाज का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक है, क्योंकि वे नदी पार करने वाले और मछली पकड़ने वाले समुदायों के रूप में जाने जाते थे।

निषाद समाज की संस्कृति में जल से जुड़ी कई परंपराएँ और रीति-रिवाज हैं। मछली पकड़ने, नाव चलाने, जल पर्यटन आदि उनके जीवन के अभिन्न हिस्से रहे हैं। भारतीय पुराणों और महाकाव्यों में निषादों का उल्लेख अक्सर किया गया है। उदाहरण स्वरूप, रामायण में निषाद राज गुह का पात्र महत्वपूर्ण है, जो भगवान राम के साथ उनके वनवास के दौरान उनके मित्र बने थे। गुह ने राम को नदी पार करने में सहायता की थी और निषादों का सम्मान बढ़ाया था।

कश्यप समाज का सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान

कश्यप समाज ने भारतीय समाज को कई महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक योगदान दिए हैं। उन्होंने भारतीय लोक कला, संगीत, नृत्य और शिल्प कला में भी अपनी छाप छोड़ी है। कश्यप समाज का जीवन प्रकृति से गहरे संबंध में रहा है, और इसका सामाजिक ढाँचा परंपरागत रूप से सामूहिक और सहकारी रहा है।

निषादों की स्थिति और उनके अधिकार

समाज के विकास के साथ-साथ निषाद समाज की स्थिति भी बदलती रही है। प्राचीन काल में इनका समाज में सम्मान था, लेकिन समय के साथ इनकी स्थिति में गिरावट आई। हालांकि, आजकल निषाद समुदाय के लोग विभिन्न सामाजिक आंदोलनों और संगठनों के माध्यम से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

निषाद समाज के लोग अब शिक्षा, राजनीति, और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। इसके साथ ही, वे अपनी पारंपरिक संस्कृति और रीति-रिवाजों को भी जीवित रखे हुए हैं। निषाद संस्कृति की बचाव और विकास के लिए कई सामाजिक संगठन काम कर रहे हैं, जो उनके समाज में जागरूकता लाने और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने का काम कर रहे हैं।

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