गुजरात गाथा (Gujrat Gatha) in Hindi by कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी

गुजरात गाथा (Gujrat Gatha) in Hindi 4 Vol Set

Author(s): कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
Publisher: Vani Prakashan
Language: Hindi
Total Pages: 1133
Available in:
Regular price Rs. 1,750.00
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Description

न्हैयालाल माणिकलाल मुंशी

इतिहास और संस्कृति के प्रसिद्ध विद्वान और गुजराती के प्रख्यात उपन्यासकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का जन्म 29 दिसम्बर, 1887 को गुजरात के भणौच नगर में हुआ। उन्होंने क़ानून की उच्च शिक्षा प्राप्त की और वकालत के ज़रिये सक्रिय जीवन में उतरे। किन्तु उनकी रुचियों और सक्रियताओं का विस्तार व्यापक था। एक ओर इतिहास और संस्कृति का विशद अध्ययन और उनमें अकादमिक हस्तक्षेप, दूसरी ओर गुजराती साहित्य की समृद्धि में योगदान। श्री मुंशी ने देश के राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन में भागीदारी की और 1947 के उपरान्त स्वाधीन देश की सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। लेकिन उनकी बुनियादी रुचियाँ साहित्य-सृजन और सांस्कृतिक पुनरुत्थान से जुड़ी थीं। उन्होंने स्वभाषा में प्राचीन आर्य संस्कृति और गुजरात के इतिहास व लोकजीवन को केन्द्र में रखकर प्रभूत कथा-साहित्य रचा, तो अंग्रेजी में भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों की रचना की। हिन्दी में भी उनकी अच्छी गति थी। उन्होंने 'यंग इंडिया' के सम्पादन में महात्मा गाँधी का हाथ बँटाया, तो प्रेमचन्द द्वारा प्रवर्तित 'हंस' के सम्पादक मण्डल में भी रहे। प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और इंडोलोजी के विधिवत अध्ययन-संवर्धन के लिए 'भारतीय विद्या भवन' नामक शोध संस्थान की उन्होंने स्थापना की और उसकी ओर से प्रकाशित अंग्रेज़ी पत्रिका 'भवन्स जर्नल' के संस्थापक सम्पादक रहे। मुंशी जी की कृतियों में 'गुजरात गाथा' नामक प्रस्तुत उपन्यासमाला के अलावा, श्रीमद्भागवत पर आधारित उपन्यास श्रृंखला का अन्यतम स्थान है। गुजरात के प्राचीन इतिहास पर 'ग्लोरी दैट वाज़ गुजरात' नाम से एक ग्रन्थ उन्होंने अंग्रेज़ी में भी लिखा। श्री मुंशी मानवतावाद और आर्य संस्कृति के प्रबल पक्षधर थे।