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अगस्त्य-संहिता एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जो पनारात्र आगम के अंतर्गत आता है। पनारात्र आगम, विशेष रूप से शैव संप्रदाय से संबंधित है और इसमें भगवान शिव और उनके उपास्य रूपों की पूजा के लिए निर्देश दिए गए हैं।
अगस्त्य-संहिता का विशेष महत्व है क्योंकि इसे महर्षि अगस्त्य द्वारा रचित माना जाता है, जो कि एक महान ऋषि और तंत्र विद्या के जानकार थे। इस ग्रंथ में विविध प्रकार की पूजा विधियाँ, मंत्र, तंत्र और ध्यान की प्रक्रियाएँ दी गई हैं, जिन्हें विशेष रूप से शिव पूजा और तंत्र साधना में उपयोग किया जाता है।
पनारात्र आगम में विभिन्न संहिताओं और ग्रंथों का संग्रह होता है जो भगवान विष्णु, शिव और अन्य देवताओं की पूजा के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इस आगम के द्वारा धार्मिक और तांत्रिक क्रियाओं की परंपरा को संरक्षित किया गया है।
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